आनुवांशिक और प्रजातीय विविधता aanuvaanshik aur prajaateey vividhata
आनुवंशिक विविधता
आनुवंशिक विविधता “विविधता की मूलभूत मुद्रा” है जो भिन््नता के लिए जिम्मेदार है। आनुवंशिक सूचना बुनियादी इकाई की यह विविधता हैं जो प्रजाति के अंदर पीढ़ी दर पीढ़ी आगे जाती है (एक ही प्रजाति की विभिन्न किस्में)| आम और धान की विभिन्न किसमें जातियों मे आनुवेशिक विविधता के उदाहरण हैं|
यह आनुवंशिक विविधता ही है जिससे प्रजातियां लगातार बदलती पर्यावरण परिस्थितियों को अपनाती है, जैसे कम बारिश, और पूरे वर्ष अधिक तापमान |
प्रजातीय विविधता
प्रजाति में विविधता का अर्थ है प्रजातियों के बीच अंतर (घरेलू और वन्य दोनों)। यह जैव विक्धिता का सबसे अधिक दिखाई देना वाला घटक है क्योंकि यह शब्द “प्रजाति” पर लागू होता है, जिसका शाब्दिक अर्थ है बाहर की ओर या दिखाई देने याला रूप। यही कारण है कि हम एक खास क्षेत्र या वैश्विक स्तर पर प्रजातियों की संख्या के संदर्भ में जैविक विविधता का वर्णन करते हैं।
पृथ्वी पर विद्यमान (अर्थात् वर्तमान में मौजूद) होने वाली प्रजातियों के विभिन्न अनुमान हैं, जो लगभग 5 से 100 मिलियन के बीच हैं, किंतु लगमग 12.5 मिलियन का आंकड़ा सर्वाधिक व्यापक रूप से स्वीकार्य है। इनमें से लगभग 1.7 मिलियन प्रजातियों का अब तक वर्णन किया गया है।
केवल संख्याओं के संदर्भ में ही हमारी धरती पर कीट और सूक्ष्म जीव सबसे बड़ी संख्या में पाए जाने वाले जीव रूप हैं |